मोटापा कैसे कम करें

आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में मोटापा कम करना एक बहुत बड़ी चुनौती है । एक किए गए सर्वे के अनुसार हर तीन व्यक्तियों में से एक व्यक्ति मोटापे का शिकार है । जब मोटापा बढ़ने लगता है तो व्यक्ति का वजन एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है और शरीर के अंदर अनेक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है ।

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अधिक मोटापा डायबिटीज, कैंसर, दिल के रोग जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको मोटापा कम करने के कुछ आसान तरीके बताएंगे जिससे आप अपने शरीर को मोटापे से दूर रख  सकते हैं । हम ये भी जानेंगे कि कैसे हेल्दी डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज से पेट की चर्बी कम होती है और मोटापा नियंत्रण में किया जा सकता है ।  आज के इस आर्टिकल में मोटापा कैसे कम करें, इसके बारे में विस्तार से जानेंगे ।

मोटापा कैसे कम करें

मोटापा कैसे कम करें

मोटापा किसे कहते हैं ?  

जब किसी व्यक्ति के शरीर में वसा की मात्रा एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाती है जिससे उसका वजन बढ़ने लगता है । जब यह वजन बढ़ते – बढ़ते सामान्य की अपेक्षा अधिक हो जाता है तो इस स्थिति को मोटापा कहते हैं । कोई व्यक्ति मोटा है या नहीं, इस बात का निर्धारण उसके बॉडी मास इंडेक्स  (बीएमआई) से  किया जाता है । जिसका बी एम आई 30 या उससे अधिक होता है उसे मोटा माना जाता है ।

मोटापा कितने प्रकार का होता है ?

मोटापा दो प्रकार का होता है:

  1. मध्य (उदर या सेब के आकार के रूप में भी जाना जाता है) मोटापा : इस प्रकार का मोटापा तब होता है जब पेट में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है । इसके कारण हृदय रोग, मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है ।
  2. परिधीय (परिधीय या नाशपाती के आकार के रूप में भी जाना जाता है) मोटापा : इस प्रकार का मोटापा तब होता है जब कूल्हों, जांघों और नितंबों पर अत्यधिक वसा जमा हो जाती है, परिधीय मोटापा आम तौर पर केंद्रीय मोटापे से कम जोखिम भरा होता है ।

मोटापा कैसे बढ़ता है ?

विश्व स्तर पर मोटापा बढ़ रहा है, जिसके कुछ कारण निम्नलिखित है :-

 

  1. असंतुलित आहार: भोजन में कम पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने तथा उच्च कैलोरी के निर्माण के कारण मोटापा बढ़ता जा रहा है ।
  2. शारीरिक गतिविधियों का कम होना : आज की व्यस्त जिंदगी में लोग लंबे समय तक कुर्सी पर बैठे रहते हैं तथा टीवी, कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल चलाते रहते हैं, जिसके कारण उनकी शारीरिक गतिविधियां नहीं हो पाती हैं । शारीरिक गतिविधियां ना होने के कारण उनकी अतिरिक्त ऊर्जा खर्च नहीं हो पाती हैं और इससे उनका मोटापा बढ्ने लगता है ।
  3. सामाजिक आर्थिक कारक: जहाँ की आबादी में रहने वाले वाले लोगों की आय बहुत कम होती है वहाँ मोटापा होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि उनके पास स्वस्थ भोजन और व्यायाम के लिए उचित साधन उपलब्ध नहीं होते हैं । कहने का तात्पर्य यह है कि उनकी आर्थिक स्थिति का कमजोर होना भी मोटापे का एक कारण है ।
  4. चिकित्सीय कारक :हाइपोथायरायडिज्म, कुशिंग सिंड्रोम, और पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी कुछ चिकित्सीय कारकों के कारण भी वजन बढ़ता है जिससे मोटापे का जन्म होता है ।
  5. औषधियाँ : एंटीडिप्रेसेंट, एंटीसाइकोटिक्स और स्टेरॉयड जैसी कुछ औषधियों के सेवन से भी वजन बढ़ता है और मोटापा आता है ।
  6. नींद का सही ना होना: नींद का पूरी ना होना या भोजन की खराब गुणवत्ता के कारण पेट के साफ न होने से पाचन क्रिया को नियंत्रित करने वाले हार्मोन प्रभावित होते हैं जिससे मोटापा आने का खतरा बना रहता है ।
  7. मिठाई का अधिक सेवन करने से भी मोटापा बढ़ता है ।
  8. किसी दुर्लभ बीमारी के कारण भी मोटापा बढ़ता है ।
  9. आनुवंशिकता के कारण भी मोटापा हो सकता है ।

 

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मोटापा एक जटिल स्थिति है और इसके विकास में कई कारक उत्तरदायी हैं ।

मोटापे के लक्षण :-

मोटापे के लक्षण किसी व्यक्ति की स्थिति और उसकी जीवन शैली के आधार पर अलग – अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण भी होते है जो निम्नलिखित है :

  1. वजन का बढ़ना और शरीर में वसा का जमा होना, विशेष रूप से कमर के आसपास ।
  2. आहार और व्यायाम के माध्यम से वजन कम करने में कठिनाई का होना मोटापे का एक लक्षण है ।
  3. सांस लेने में कठिनाई होना या सांस की तकलीफ होना ।
  4. जोड़ों का दर्द और गठिया ।
  5. मधुमेह टाइप 2, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, स्लीप एपनिया और कुछ प्रकार के कैंसर के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
  6. ऊर्जा की कमी के कारण थकान होना ।
  7. बांझपन और यौन अक्षमता।
  8. अवसाद और आत्मसम्मान में कमी होना ।
  9. सोने में कठिनाई और स्लीप एपनिया।
  10. त्वचा में संक्रमण और चकत्ते हो जाना ।
  11. पसीना अधिक आना ।
  12. दैनिक कार्यों को करने में कठिनाई होना ।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये लक्षण हमेशा मौजूद नहीं हो सकते हैं, मोटापे के सटीक निदान के लिए चिकित्सक से परामर्श करना सबसे अच्छा है ।

मोटापे को कैसे कम करें ?

कई लोगों का मानना है कि आज के समय में  वजन और मोटापा कम करना बहुत ही मुश्किल काम है, लेकिन अगर सही तरीके और अनुशासन के साथ निम्नलिखित तरीके अपनाए जाए तो मोटापा बहुत जल्दी कम हो सकता है ।  मोटापा कम करने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:

  1. आहार और पोषण: कम कैलोरी वाले स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करने से मोटापा कम किया जा सकता है । मोटापा कम करने के लिए हमें पोषक तत्वों से भरपूर फलों, सब्जियों और साबुत अनाज आदि का सेवन करना चाहिए  । आपको अपने जीवन में  व्यक्तिगत योजना बनाने के लिए आहार विशेषज्ञ या पोषण विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लेनी चाहिए ।
  2. नियमित शारीरिक गतिविधि: हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखने और मोटापा कम करने के लिए शारीरिक गतिविधियों में नियमित रूप से सम्मिलित होना चाहिए, शारीरिक गतिविधियां जैसे तेज चलना, जॉगिंग, साइकिल चलाना या तैरना, कैलोरी जलाने, चयापचय को बढ़ावा देने और मांसपेशियों को बढ़ाने में हमारी मदद करते है । सप्ताह में कम से कम 150-300 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली एरोबिक गतिविधि या 75-150 मिनट की जोरदार-तीव्रता वाली एरोबिक गतिविधि या दोनों के संयोजन का लक्ष्य रखें।
  3. व्यवहार चिकित्सा: इसमें यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करना, प्रगति पर नज़र रखना और तनाव और भावनात्मक खाने के प्रबंधन के नए तरीके सीखना शामिल हो सकते हैं ।
  4. दवाइयाँ: अनेक दवाइयाँ ऐसी हैं जिनको एफडीएसे अनुमोदन प्राप्त है । इन दवाइयों का इस्तेमाल आहार और व्यायाम के सही संयोजन के साथ सेवन करने से मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों को अपना वजन घटाने में मदद मिलती है । दवाइयों की सही या गलत की परख करने के लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए और दवाइयों का सेवन डॉक्टर की देख – रेख में ही करना चाहिए ।
  5. सर्जरी: जो लोग व्यायाम या अन्य किसी भी माध्यम से अपना वजन कम नहीं पा रहें हैं तो उनके लिए अपना मोटापा कम करना बहुत मुश्किल भरा काम होता है। ऐसी स्थिति में अंत में सर्जरी ही एकमात्र विकल्प है,जिसके माध्यम से आप अपना मोटापा कम कर सकते हैं । बेरियाट्रिक सर्जरी एक इसी प्रकार की सर्जरी है जिसके माध्यम से बहुत अधिक मोटे व्यक्ति अपने मोटापे से छुटकारा पा सकते हैं । यह सर्जरी आपके लिए सही है या नहीं, इसके लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें ।
  6. नियमित लक्ष्य निर्धारित करें: आपको अपना वजन कम करने के लिए सकारात्मक सोच रखनी चाहिए । ऐसा करने से आपको अपना मोटापा कम करने में बहुत मदद मिलेगी और आप लक्ष्य जल्द प्राप्त कर लोगे । आप प्रति सप्ताह 1-2 पाउंड की धीमी के साथ स्थिर वजन घटाने का लक्ष्य रखें ।
  7. कैलोरी डेफिसिट बनाएँ: अपना वजन और मोटापा कम करने के लिए आप जितनी कैलोरी का सेवन करते हैं उससे अधिक कैलोरी बर्न करने की आवश्यकता होती है । यह एक स्वस्थ, संतुलित आहार खाने से प्राप्त किया जा सकता है जिसमें कैलोरी की मात्रा कम हो तथा  पोषक तत्वों से भरपूर फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर हो ।
  8. नींबू और शहद का सेवन : नींबू और शहद के सेवन से भी मोटापे को कम करने में काफी मदद मिलती है । सुबह को खाली पेट और रात को सोते समय हल्के गुनगुने एक गिलास पानी में  शहद और नींबू का रस मिलाकर पीने से वजन कम होता है और मोटापे को बढ़ने से रोका जा सकता है ।
  9. ग्रीन टी का प्रयोग : ग्रीन टी भी वजन कम करने में बहुत कारगर साबित होती है । ग्रीन टी एक प्राकृतिक पेय है । इसके अंदर एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो वसा को जलाने का काम करता है ।  10. लिक्विड कैलोरी : चॉकलेट दूध, एनर्जी ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक, फ्रूट जूस आदि में लिक्विड कैलोरी की मात्रा अधिक होती है । इसलिए जितना हो सके लिक्विड कैलोरी से दूरी बनाकर रखें । इस प्रकार की कैलोरी के सेवन करने से मोटापा बढ़ने का खतरा अधिक रहता है ।  
  10. लिक्विड कैलोरी : चॉकलेट दूध, एनर्जी ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक, फ्रूट जूस आदि में लिक्विड कैलोरी की मात्रा अधिक होती है । इसलिए जितना हो सके लिक्विड कैलोरी से दूरी बनाकर रखें । इस प्रकार की कैलोरी के सेवन करने से मोटापा बढ़ने का खतरा अधिक रहता है ।
  11. धीरे – धीरे खाना खाएं : भोजन के पाचन की क्रिया मुख से प्रारम्भ होती है । इसलिए खाना  खाते समय धीरे – धीरे खाने की आदत डालें जिससे भोजन को अच्छी तरह चबाया जा सके । धीरे खाने से कम कैलोरी पेट के अंदर जाती है । तेज खाने से कैलोरी की अधिक मात्रा पेट के अंदर जाती है जिससे वजन बढ़ना और मोटापे का खतरा बना रहता है ।    12. सेब का सिरका : एक गिलास पनि में नींबू का रस और एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पीने से पेट की चर्बी पिघलती है जिससे हमें मोटापा कम करने में बहुत मदद मिलती है । सेब का सिरका वजन कम करने के लिए बहुत लाभकारी है ।
  12. धीरे – धीरे खाना खाएं : भोजन के पाचन की क्रिया मुख से प्रारम्भ होती है । इसलिए खाना  खाते समय धीरे – धीरे खाने की आदत डालें जिससे भोजन को अच्छी तरह चबाया जा सके । धीरे खाने से कम कैलोरी पेट के अंदर जाती है । तेज खाने से कैलोरी की अधिक मात्रा पेट के अंदर जाती है जिससे वजन बढ़ना और मोटापे का खतरा बना रहता है ।
  13. लो कॉर्ब डाइट का प्रयोग : लो कॉर्ब डाइट से आदमी की भूख पर नियंत्रण होता है और बार – बार भूख नहीं लगती है । कम कॉर्ब डाइट लेने से वजन कम करने में बहुत मदद मिलती है ।
  14.  सब्जियों और फलों का सेवन :  सब्जियों और फलों के अंदर पोषक तत्व और फाइबर  उच्च मात्रा में पाये जाते हैं । इनके सेवन से शरीर को स्वस्थ और वजन को कम करने में बहुत मदद मिलती है ।
  15. . सौंफ का प्रयोग : सौंफ के प्रयोग से भी मोटापे पर काबू पाया जा सकता है । एक चम्मच सौंफ रात को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें । सुबह को इस पानी को छानकर पिए । यह पेट को कम करने में बहुत फायदेमंद है ।

 यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वजन घटाने के तरीके एक स्वस्थ्य पेशेवर के मार्गदर्शन में होने चाहिए और वजन कम करना स्थायी और स्वस्थ होना चाहिए । 

मोटापा कम करने के लिए आपका खान-पान (Diet for Obesity)

अगर आप अपना मोटापा कम करना चाहते हैं तो आपको अपने खान – पान पर नियंत्रण रखना बहुत ज़रूरी है । यदि आप खान-पान पर नियमित रूप से ध्यान रखते हैं तो आप मोटापे पर नियंत्रण कर सकेंगे अन्यथा बाद में बहुत परेशानी झेलनी पड़ सकती है ।

आप अपना खान-पान जितना उत्तम और सरल रखेंगे उतनी ही जल्दी आप अपने मोटापे को कम कर पाएंगे और आपका वजन भी नियंत्रण में रहेगा । मोटापे के दौरान खान – पान के निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान देना चाहिए :-

सुबह का नाश्ता अवश्य करना चाहिए, क्योंकि नाश्ता करने से शरीर के अंदर ऊर्जा बनी रहती है और दिनभर भूख भी कम लगती है ।

  • अपने भोजन में फल, सब्जियाँ, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज को सम्मिलित  करें जिससे हमारे शरीर को संतुलित और सीमित मात्रा में ऊर्जा मिल सके
  • पेय पदार्थों में ऐसा दूध पिए जिसमें वसा की मात्रा बहुत कम हो । इससे शरीर को कम कैलोरी मिलती है और हम अपना मोटापा बढ़ने से रोक सकते हैं ।
  • यदि संभव हो सके तो किसी पंजीकृत आहार विशेषज्ञ की सलाह लें और वजन घटाने के कार्यक्रमों से जुड़े जिससे मोटापा कम करने में मदद मिल सके ।
  • मौसम में चलने वाले मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन भलीभाँति करें । ये सब हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं ।
  • अपने दैनिक भोजन में विभिन्न सब्जियों जैसे सहजन, पालक, लौकी, तौरई, परवल पत्ता गोभी, करेला आदि को सम्मिलित करें ।
  • अपने भोजन के साथ सलाद जैसे खीरा, नींबू, ककड़ी, अंकुरित अनाज आदि का सेवन करें ।
  • भूख लाग्ने पर ही खाना खाए । भोजन करने का एक निश्चित समय निर्धारित करें और प्रतिदिन उसी समय पर भोजन करें ।
  • खाने को अच्छी तरह चबाकर खाए । पेट भर कर खाना ना खाए । थोड़ी भूख लगती रहने दें । इससे आपको मोटापा कम करने में बहुत मदद मिलेगी ।

 

मोटापा नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली ( Life Style for obesity)

मोटापा कम करने के लिए जीवनशैली कैसी होनी चाहिए इस बात पर ध्यान देना बहुत है । मोटापे पर नियंत्रण करने के लिए जीवन शैली का बहुत बड़ा योगदान है । इसके लिए हमें अपनी जीवनशैली में निम्नलिखित आदतों को सम्मिलित करें  जिससे वजन को बढ्ने को रोका जा सके :-

  • खाने को कभी भी एक बार पेट भरकर ना खाये बल्कि थोड़ा – थोड़ा खाने की आदत डाले ।
  • सुबह को सैर करना अपनी जीवनशैली में सम्मिलित करें । इससे मोटापे पर नियंत्रण रखना आसान होगा ।
  • खाना खाने के तुरंत बाद ना सोये बल्कि खाने के कम से कम दो घंटे बाद सोने की आदत डाले ।
  • यदि संभव हो तो अपने लिए एक डाइट चार्ट बनाकर रखे इससे आपको  कब क्या खाना है और क्या नहीं इसका पता आसानी से लगाया जा सकता है ।
  • अपनी जीवनशैली में प्रतिदिन व्यायाम को अवश्य सम्मिलित करें ।
  • 24 घंटे में कम से कम तीन लीटर पानी पीने की आदत डाले ।
  • सुबह को नाश्ते से पहले नींबू और शहद गर्म पानी में मिलाकर पीने की आदत डालें ।

 

परहेज :-

मोटापे से मुक्ति पाने के लिए हमें कुछ परहेज करने भी ज़रूरी है

  • अधिक तले-भुने भोजन से परहेज करें ।
  • जितना हो सके नमक का सेवन कम करें ।
  • खाने में चक्की का पीसा हुआ आटा प्रयोग करें । मैदा का प्रयोग बहुत मजबूरी में ही करें ।
  • घी का सेवन सीमित मात्रा में करें ।
  • चीनी का कम से कम प्रयोग करे।
  • जंकफूड खाने से बचे ।
  • बाहर के होटल में खाना कम खाये । घर का बना हुआ खाना इस्तेमाल करें ।

निष्कर्ष :

वजन का बढ़ना समय के साथ बहुत ज़रूरी है लेकिन जब यह हमारे शरीर पर हावी हो जाए तो बीमारी का रूप धारण का सकता है इसलिए हमें अपने मोटापे पर हमेशा काबू रखना चाहिए । परेशानी बढ़ने पर हमें अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए ।

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