स्वार्थी औरत

दोस्तों आज की यह कहानी  पूर्ण रूप से सत्य  घटना पर आधारित है । इस कहानी में आप एक स्वार्थी औरत के बारे में पढ़ेंगे जिसने पैसों के लालच में अपना आत्मसम्मान खो दिया था । यह कहानी मेरे (लेखक) गाँव की एक सच्ची कहानी है एवं मेरी आँखों देखी है ।

स्वार्थी औरत 

आज सुबह से ही यामीन की पत्नी की तबीयत ठीक नहीं थी । दो बेटों और दो बेटियों के जन्म के पश्चात यामीन की पत्नी अधिकांशतः बीमार ही रहा करती थी । यामीन ने बहुत दूर – दूर तक अपनी पत्नी का इलाज करवा लिया था परंतु किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं हो रहा था । उसकी हालत दिन – प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी । यामीन ने अपनी पूरी कमाई अपनी पत्नी के इलाज पर लगा दी । वह  सामान्य तौर पर एक मामूली सा मजदूर था । किसी तरह मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था । उसकी मेहनत और ईमानदारी की सभी गाँव वाले तारीफ किया करते थे । घर की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण उसने अपने बच्चों का दाखिला गाँव की एक धर्मशाला में करवा दिया । समय बीतता गया और एक दिन ऐसा आया कि उसकी बीवी ने अपनी लंबी बीमारी के चलते दम तोड़ दिया ।

बीवी की मौत के बाद यामीन और उसके बच्चों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया । बेटियों का तो रो –रो कर बुरा हाल था । वे बार – बार अपनी माँ को याद कर रही थी और अपने छोटे भाइयों से लिपट कर खूब रो रही थी । लेकिन मौत के आगे किसी का वश नहीं चलता । समय गुजरने के साथ – साथ यामीन और उसके बच्चों के ऊपर जुदाई का गम थोड़ा कम हुआ था । थोड़े समय के बाद यामीन ने अपने बच्चों की देखभाल के लिए अपने से कम उम्र की लड़की से शादी कर ली ।

यामीन की पहली बीवी से दो बेटे और दो बेटियाँ थी । दूसरी पत्नी ने भी यामीन के घर आकर तीन बच्चों को जन्म दिया । यामीन की यह दूसरी बीवी बहुत चालाक और खूबसूरत थी । इसने अपने हुस्न के जाल में यामीन को पूरी तरह से फँसा लिया था । अब घर में केवल उसकी पत्नी की ही चलती थी । यामीन की इस बीवी ने अपने बच्चों को खूब अच्छे से पाल पोष कर बड़ा किया ।  यामीन की पहली पत्नी के बच्चे भी धीरे – धीरे बड़े हो रहे थे परंतु उन्हे एक माँ का प्यार जो मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला । पूरे गाँव में यामीन की बहुत अच्छी बात थी । सभी लोग उसकी बहुत इज्जत किया करते थे । यामीन ने अपने बच्चों में हो रहे भेदभाव को कभी किसी के सामने उजागर नहीं होने दिया । गाँव के सभी लोग यही समझते थे कि यामीन की इस नई बीवी ने बिखरे हुये परिवार को संभाल लिया है परंतु अंदर की सच्चाई कुछ और ही थी । यामीन के पहले बच्चों ने अपनी इस सौतेली माँ से मिलने वाले हर दर्द को सहन किया । भाइयों की जब तक उस घर में दोनों बहने थी तब तक तो उनको खाने पीने की कोई परेशानी नहीं हुई परंतु जैसे ही बहने शादी के बाद अपने घर से जुड़ा हुई तो मानो ऐसा लगा जैसे उनके ऊपर फिर से कोई पहाड़ टूट गया हो । धीरे – धीरे दोनों भाइयों ने अपनी बहनों के बिना ही अपनी जिंदगी जीने की आदत डाल ली । यामीन की पत्नी के बच्चे भी अब बड़े हो गए थे । एक दिन उसने सोचा कि क्यों न इस होशियार लड़के को किसी जाल में फंसाकर मार दिया जाए । यामीन की पत्नी ने एक योजना के अनुसार उस लड़के को मौहल्ले की किसी लड़की के प्रेमजाल में फंसाकर मरवा दिया  जिससे जमीन के बँटवारे में एक लड़के का हिस्सा ही खत्म हो गया ।

कुछ समय के बाद यामीन की पत्नी ने अपने सभी बच्चों की शादी भी कर दी । अब उसका लगभग सभी काम हो चुका था बस उसके सामने जंगल की जमीन हड़पने का एक काम बाकी था । उसने उसके लिए पहले तो अपनी मीठी – मीठी बातों में यामीन को बहला-फुसलाकर जमीन का बैनामा अपने नाम करवाया उसके बाद उसने अपने हाथों से दूध में जहर मिलाकर अपने पति को भी मार डाला । दूध में जहर मिलाने की बात पूरे गाँव में फैल गयी जिससे गाँव वाले समझ गए कि इस औरत ने ही जमीन हड़पने के चक्कर में यामीन को मारा है । उसके बाद सभी गाँव वालो ने एकजुट होकर उसकी जमीन ना खरीदने का निर्णय लिया । उसे उस जमीन को बेचने के लिए कोई खरीदार नहीं मिला । उसने उस जमीन को कम दाम में भी बेचने की कोशिश की परंतु उसे इसमें भी कोई कामयाबी नहीं मिली । अंत में उसे इस जमीन को यामीन के पहले बेटे के नाम वसीयत करनी पड़ी । गाँव वालो ने उस औरत को गाँव से निकाल दिया । अंत में उस औरत के नाम के आगे स्वार्थी औरत का धब्बा लग गया ।

अपहरण

काश मैं डॉक्टर होता

 

1 thought on “स्वार्थी औरत”

Leave a Comment

error: Content is protected !!